अधजली मोहब्बत




अपने हाथों से बहुत कुछ जलाया है, मैंने 
 अभी-अभी, आज ही, 
 देखो मेरे किनारे, मेरे मेज से सटी हुई, 
 मेरी खुशियां, आधी जली, आधी बुझी सुलग रही होंगी 
 और, वो देखो, उस कुर्सी पर बैठा सुकून धीरे-धीरे जलकर राख हो रहा है 
 दरअसल, 
 ये तबाही कुछ देर पहले ही शुरू हुई है 
 तो सोचा ये सब को बता दूं, 
और ये भी कि इनके जलने का सबब क्या है 
मोहब्बत..... 
हां मोहब्बत की थी किसी से 
अरे वो देखो छप्पर में भी कुछ अरमान रखे थे शायद ! 
बड़ी तेज जल रहे हैं, 
मेरे बिस्तर को नहीं देखा, 
किसी की खुशबू और मेरी कई मायूस रातें, 
देखो कैसे जल रही हैं, 
कुछ खत भी थे उस बिस्तर के नीचे, 
सोचा उन्हें बचा कर रख लूं कुछ देर फिर से पढ़ लूं 
वो जो तकिया है ना गीला होगा 
कई रात से रोया बहुत हूं, 
अब मैं और ये खत बस यही बचे हैं, 
मैं बिना अरमानों के, 
बिना खुशियों के, 
ये जिंदगी कैसे काटूँगा 
अब तुम सब से ये कहना, 
ये बात तुम सबको बताना, 
मैं अभी मर जाऊंगा, 
फिर ये किस्सा तुम सबको सुनाना, 
और कोई आशिक मिले ना तुमको, 
तो ये तस्वीर दिखाना उसको, और कहना 
ये देखो ये भी आशिक था, 
और ये भी बताना 
कि ये मोहब्बत है जो समझ जाता है 
वो हार जाता है | 
                          माज़ी 

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